Sunday, April 26, 2020

सुस्वागतम हिंदी अध्यापकगण

*नमस्कार मित्रों* यदि आप *हिंदी सेवी हैं या हिंदी से संबंधित है* या *हिंदी के प्रचार- प्रसार के लिए कुछ करते* हैं तो यह मैसेज आपके लिए उपयोगी हो सकता है ।जी हां! एक संस्था है जिसका नाम है *राष्ट्रभाषा सेवा संघ* जो *हिंदी अध्यापकों और हिंदी सेवी लोगों* के लिए ही बनी है और उनके द्वारा ही बनाई गई है ।इस संस्था की खास बात यह है कि *पिछले 4 सालों से कार्य कर रही हैं जिसमें ढाई सौ से ज्यादा* विद्वान लोग इसमें अपना सहयोग दे रहे हैं जिनमें हिंदी *अध्यापक ,मार्गदर्शक, लेखक ,देश-विदेश के अन्य हिंदी सेवी* संस्थाओं से जुड़े हुए लोग शामिल है इस संस्था  का उद्देश्य है *हिंदी के प्रचार प्रसार* करना *हिंदी अध्यापकों* के लिए यदि कहीं वैकेंसी है तो उसकी जानकारी देना ,हिंदी में किए गए *बदलाव की चर्चा* करना *पाठ्यक्रम को बेहतर ढंग* से कैसे बच्चों को सिखाया जाए इसके लिए चर्चा करना साथ ही साथ बच्चों को पढ़ाने हेतु *विभिन्न प्रकार की सामग्रियों* की जरूरत पड़ती है ,जो इस समूह में *बिल्कुल मुफ्त* एक दूसरे को दिया जाता है, इसके लिए कोई शुल्क नहीं है और यह संस्था *किसी व्यवसायिक उद्देश्य के लिए काम नहीं करती* परंतु इस संस्था के कुछ *नियमावली या नियम कानून है* जो संस्था के सभी सदस्यों पर लागू होता है जो भी व्यक्ति इस में शामिल होता है वह इस संस्था का *एडमिन बन* जाता है जिसे अधिकार दिया गया है कि किसी को भी वह इस संस्था में जोड़ सकता है और यहां से किसी को भी निकाल सकता है दूसरा नियम यह है कि इस संस्था का उद्देश्य *केवल हिंदी सेवा* है इसलिए *गुड मॉर्निंग गुड इवनिंग कोरोना आदि जैसे विषयों से संबंधित कोई भी संदेश स्वीकार नहीं किए* जाते हैं यदि गलती से कोई कर भी देता है तो समा के अन्य सदस्य उसे बाहर का रास्ता दिखा देते हैं तीसरा नियम इस संस्था द्वारा *कोई भी सामग्री अध्ययन सामग्री शिक्षण सामग्री आप* एक दूसरे के उपयोग के लिए ले सकते हैं दे सकते हैं *परंतु व्यवसायिक उपयोग में नहीं ला सकते  है* यदि आप इस समूह में शामिल होना चाहते *हैं तो दिए गए लिंक को क्लिक* करें समूह में जुड़ते ही सबसे पहले आपको अपना *परिचय इस नम्बर 9346393833
 देना होगा* जिसमें *नाम, विद्यालय का नाम आन कहाँ पर आप कार्यरत हैं*। जिससे आपको एडमिन बनाया जा सके।
यदि आपको अच्छा लगा ,आप के उपयोग का है ,तो आप भी जुड़िए और दूसरे तक भी इसे भेजिए। धन्यवाद
 *निवेदक
 *सुनील दुबे**
राष्ट्रभाषा सेवा संघ https://chat.whatsapp.com/BrOZ1jpj2Fs7cVYu930CyY
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Saturday, April 25, 2020

कोरोना-काल और व्यवसाय

*कोरोना -काल और व्यवसाय* आज दुनिया जिस मुश्किल दौर से गुजर रही है उसकी कल्पना भी नहीं की गई होगी ।इसका कारण यह है किया है कि  कोरोना ने दुनिया के 80% आबादी को प्रभावित किया है,  व्यवसाय और नौकरी इससे 90% प्रभावित हुए है खासकर यदि प्राइवेट नौकरियों की ओर देखा जाए तो यह  दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए 80% जिम्मेदार है । नौकरियों के जाने  से  इसका  अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो  देश प्रभावित हुए हैं उसकी अर्थव्यवस्था बिल्कुल बुरी दौर से गुजर रही है चाहे वह अमेरिका हो या भारत अर्थात प्रगतिशाली देश हो या प्रगतिशील देश हो इस बात से  अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस कोरोना -काल ने  प्राइवेट सेक्टर की लगभग 60% नौकरियों को खा लिया है अर्थात इतनी बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं परंतु इसी दौर में कुछ ऐसी भी व्यवसाय हैं या नौकरियां हैं जिनमें काफी प्रगति देखी जा रही है जी हां नोबेल कोरोना- काल मे भी नोबेल बानी हुई है अर्थात शिक्षा क्षेत्र इस कोरोना  काल के दौरान  जब लोग अपने घरों में बैठकर अपनी जान बचाने के लिए पड़े हुए हैं उस दौर में भी ये शिक्षक अपने ज्ञान का पिटारा संसार के सामने खोलने में व्यस्त हैं चूकि शिक्षा या विद्यादान दुनिया का सबसे बड़ा दान है और इस कार्य में सहयोग देने वाले शिक्षण संस्थान और तकनीकी सहायकों  का बहुत बड़ा योगदान है पर ये वही शिक्षक हैं जिन्होंने अपने जीवन में भले ही कभी तकनीकी का प्रयोग नहीं किया हो लेकिन आज धड़ल्ले से इसका प्रयोग करते  देखे जा रहे हैं और अपने छात्रों का मार्गदर्शन कर रहे हैं ऐसे     जज़्बा को मैं नमन करता हूँ । एक ऐसा व्यवसाय का क्षेत्र है ,जिसमें कोरोना-काल का प्रभाव ना के बराबर देखा जा रहा है ,मैं उन शिक्षकों अध्यापकों और अधिवक्ताओं को नमन करता हूँ जिनकी इस बेजोड़ पहल की वजह से आज का विद्यार्थी कोरोना-काल की स्थिति में भी ज्ञान  की प्यास को बुझा पा रहा है और वो भी बिना किसी बाधा के अपने कार्यों को पूरा करते जा रहा है ।
मित्रों  परिस्थितियां कुछ भी हो, समय कोई भी क्यों न हो परंतु यह एक ऐसा व्यवसाय है जो जब तक दुनिया  है तब तक यह चलता रहेगा और  जन बृद्धि के साथ इसमें प्रगति बनी रहेगी आज के इन्ही शिक्षकों की देन है कि  पूरा विद्यार्थी वर्ग इसका ऋणी बना हुआ है ।तो क्यों ना हम भी अपना योगदान इस सबसे बड़े दान में दे। इसी विचार से मैंने कुछ शिक्षकों के लिए सहायक सामग्री तैयार किया है जो शिक्षकों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध हो रही है उसके लिए मैंने भी कई चीजें सीखी भी है और अपना भरपूर योगदान देने की कोशिश किया है ताकि इस विद्या- दान की आहुति में मैं भी अपना अंश योगदान दे सकूँ ।मेरा अन्य क्षेत्रों के लोगों से मेरा निवेदन है आप भी यदि शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ना चाहते हैं अपना योगदान देना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें और आप अपनी राय इसमें व्यक्त करें । मुझे आशा है आप सब इस ज्ञानदान की आहुति में अपना योगदान देकर हमें कृतार्थ करेंगे कुछ बातें और मैं यहां पर करना चाह रहा हूं कि जो शिक्षक एक नोबेल प्रोफेशन में है उनको नमन करता हूं और आग्रह करता हूं कि यदि आपके पास भी कुछ ऐसी सामग्री है जो दूसरे अध्यापकों के लिए सहायक सिद्ध हो सकती है तो आप इस पर डालें और बाकी अध्यापकों को भी प्रेरित करें मेरे विचार अभिव्यक्ति में यदि कुछ कमियाँ या त्रुटियां रह गयी हो तो अनुज या  नवसिखुआ समझकर मुझे क्षमा करें ।धन्यवाद!
 सुनील दुबे

Wednesday, April 22, 2020

हिंदी प्रेमी जन

*मित्रों* आप लोगों की भावनाओं का कद्र करते हुए और मैंने एक प्लान तैयार शुरू किया है जिसमें आप अपने भाव को अब अपनी *इच्छा अनुसार उसमें व्यक्त* कर सकते हैं । आप जानते ही हैं *विद्या दान* इस संसार में सभी दानो  *से बढ़कर है* आप भी *इस दान में अपना योगदान* दे सकते हैं। इसके लिए कोई बंधन नहीं होगा यहां तक कि आपके पास कोई *प्रचार-प्रसार* की *सामग्री है* तो उसका भी आ प्रयोग कर सकते हैं यदि इस *ब्लॉग में लिखने की इच्छुक है* तो आप हमें अवश्य *अवगत* कराएं और मुझे आशा है कि आपके *अनुभवी  लेखन- कौशल* का लाभ सभी पाठकों को मिलेगा और आप को भी  *बेहतर अवसर प्राप्त होगा* आज *डिजिटल मीडिया* का संसार है और इसमें इस चीज को बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है आपकी लेखन आपके विचार लोगों तक पहुंच पाए यहां तक कि आप अपने *बच्चों* को भी प्रेरित कर सकते हैं इसे पढ़ने के लिए जहां तक सामग्री की बात है मैंने कोशिश किया है इसमें केवल *हिंदी भाषा मे ही लेख स्वीकार* किया जाएगा जैसे *हिंदी कैसे सीखना है* हिंदी के उत्थान के लिए क्या-क्या किया जा रहा है? आपका इसमें सहयोग क्या हो सकता है ?किसी के लिए *कोई सहायक सामग्री* कैसे आप दे सकते है। इसके अलावा आपके पास यदि कोई और *सोशल मीडिया  यूट्यूब है* तो उसका भी *प्रचार-प्रसार* आप इस पर कर सकते हैं ।मुझे आशा है कि आप लोग इस दौर में इसका लाभ जरूर उठाएंगे एक चीज और हैं मुझे आपसे जानना है कि आप *अपने साथी को* किस गुण से परिपूर्ण देखना चाहते हैं ?इस विषय पर भी आप लेख लिख सकते हैं उद्देश्य इतना है कि यह उन लोगों तक पहुचेगा और आपकी भावनाएं और आपका साथी विषय पढ़े तथा *उसके अंदर  कौन-कौन से गुण* होने चाहिए। दूसरा उद्देश्य है कि हम कुछ *बेरोजगारों* की सहायता करना चाहते हैं जिसके लिए यह ब्लॉक तैयार किया है यदि आपकी इच्छाओं के अनुरूप हम उन्हें ट्रेनिंग देते हैं और फिर आपके पास आपके साथी के रूप में भेजते हैं तो यह उनके लिए भी *हितकर* होगा और साथ ही साथ हमारे लिए भी लाभप्रद होगा मित्रों इससे संबंधित आपके पास कोई और सुझाव है तो भी हमें बताइए। आज एक बात और मैं स्वीकार करना चाहता हूं कि बीच-बीच में मैं आपको अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से रोकता रहता हूं एक अध्यापक के लिए कितना कठिन है मैं अच्छी तरह जानता हूँ अतः यहाँ अपनी भावनाओं को आजादी से व्यक्त कर सकते है और जिससे *छात्र -अभिवावक*  सभी लाभान्वित होंगे । आप लोगों को रोकने के लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ।
 मुझे आशा है कि आप राष्ट्रभाषा सेवा संघ की तरह इस बड़ी *आहुति देकर अपना योगदान* देंगे । जिस तरह से 4 सालों से आप लोगों ने अपना स्नेह और प्यार बनाए रखा है आगे भी बनाए रखेंगे धन्यवाद मित्रों हमने कोशिश किया है कि ब्लॉक का नाम भी *राष्ट्रभाषा सेवा संघ (हिंदी)*  दिया जाए यदि आपके पास कोई सुझाव है तो हमें एक बार पुनः सहयोग करें
सुनील दुबे